“समाज में बदलाव तब आयेगा जब हम और आप बदलेंगे” – डॉ. मनीषा बापना
कोई भी बदलाव अचानक नहीं होता, और अच्छे बदलाव हमेशा धीरे धीरे होते हैं, समाज का बदलाव और उसमे चेतना का जागरण एक धीमा लेकिन ठोस काम है. इसके लिए एक समर्पित और सुलझे हुए नेतृत्व की जरूरत होती है. ऐसा नेतृत्व जो न केवल समस्याओं की गंभीरता को जानता हो बल्कि समाधान को लागू करने की तैयारी भी रखता हो. ऐसा नेतृत्व समाज में पैदा हो सके और महिलायें इसमें बड़ी भूमिका निभा सकें इस उद्देश्य से महिला नेतृत्व को बढाना मेरा काम है.