Please wait...Downloading is in progress.Check your default download folder for the file.

एक चित्रकार

“ये दुनिया एक बड़ा चित्र ही तो है, आइये इसमें बेहतर रंग भरें” – डॉ. मनीषा बापना

जिस समाज में हम रहते हैं उसमे हजारों रंग हैं, खुशियों रंग, दुःख के रंग, उदासी के रंग अकेलेपन के रंग, इर्ष्या-द्वेष के रंग हिंसा के रंग, प्रेम के रंग और उमंग के रंग. इन सभी रंगों में से चुन चुनकर हम अपने जीवन और समाज की तस्वीर को अपने मनचाहे ढंग से बना सकते हैं. जब मैंने विधिवत चित्रकला सीखी तब मैंने यही महसूस किया. जैसे हम चित्रों में रंग भरते हैं वैसे ही प्रेम, समर्पण और सहयोग की कूची से समाज में भी सुन्दर रंग भर सकते हैं.