“एसी कोई गुत्थी नहीं जो बातचीत से या प्रेम से सुलझाई न जा सके” – डॉ. मनीषा बापना
जिन्दगी में समस्या और समाधान नदी के किनारों की तरह साथ साथ चलते हैं, एक किनारा आपको नजर आता है तो भरोसा रखिये कि दूसरा भी पास ही होगा. थोड़ी धुंध, धूल- धवांस में ओझल हो गया होगा लेकिन वह निकट ही मौजूद है. उसे देखना खोजना बहुत आसान है. आपके ही मन में आपकी समस्या का समाधान छुपा हुआ है. जो मन समस्या पैदा कर सकता है वही समाधान भी दे सकता है. बातचीत और प्रेमपूर्ण शब्दों की मीठी फुहार में वे समाधान आपके ही मन में अंकुरित होते हैं.